"लता जी के प्रति"एक रुबाइ

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"अजीब चीज़ थी वह  अजीब  राज़ थी वह !  कभी  सोज़  थी वह  कभी  साज़  थी वह !!  शोख़ी   में    उसकी  जो   संजीदगी   थी ;  वह सुर ...

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